Why does this happen? ।। ऐसा क्यों होता हैं ?

नमस्कार दोस्तों,

    मैं अरविंद माच्छी और आप सभी का एकबार फिर से स्वागत है हमारे ब्लॉग "Mr. Smart Khopadi" में। दोस्तों आज हम ऐसे सवालों के जवाब आपके लिए ढूंढ के लाया हूँ, जो की आपके/हमारे मगज में कई समय से घर किये हुए हैं!  


  • चुम्बक लोहे को ही पकडती है अन्य धातु को क्यों नहीं पकडती है?

चुंबक लोहे को ही नही हर चुंबकीय धातु को पकड़ता है जैसे लोहा, निकेल कोबाल्ट। इन धातुओ के परमाणु चुंबकीय क्षेत्र की उपस्थिति मे इस तरह रैखिक हो जाते है कि वे स्वयं चुंबक बन जाते है जिससे चुंबक उन्हे पकड़ लेता है।



  • बिजली क्यों गिरती है?

आसमान में अपोजिट एनर्जी के बादल हवा से उमड़ते और घुमड़ते रहते हैं। ये विपरीत दिशा में जाए हुए टकराते हैं। इससे होने वाले घर्षण से बिजली पैदा होती है जो धरती पर गिरती है। आसमान में किसी तरह का कंडक्टर न होने से बिजली पृथ्वी पर कंडक्टर की तलाश में पहुंच जाती है, जिससे नुकसान पहुंचता है। धरती पर पहुंचने के बाद बिजली को कंडक्टर की जरूरत पड़ती है। आकाशीय बिजली जब लोहे के खंभों के अगल- बगल से गुजरती है तो वह कंडक्टर का काम करता है। उस समय कोई व्यक्ति यदि उसके संपर्क में आता है तो उसकी जान तक जा सकती है।



  • ताजा अंडे पानी में डूब जाते हैं पुराने नहीं क्यों?

ताजा अंडे पानी में डूब जाते हैं पुराने नहीं डूबते। इसका कारण यह है कि पुराने अंडों के भीतर वायु कण बढ़ जाते हैं। इससे उसका आकार बढ़ जाता है। नमकीन पानी में अंडे तैरते हैं इसका कारण है कि नमक मिलने के कारण पानी का घनत्व बढ़ जाता है और अंडा तैरने लगता है।

  • लोहे का बडा जहाज पानी मेँ क्योँ नहीँ डूबता ?

आर्किमीडीज़ का सिद्धांत है कि कोई वस्तु जब पानी में डाली जाती है तब उसके द्वारा हटाए गए जल का भार उस वस्तु के भार के बराबर होता है। और हटाए गए पानी की ताकत उसे वापस ऊपर की ओर उछालती है। इसलिए लोहे का एक टुकड़ा जब पानी में डाला जाता है तब उसके द्वारा हटाए गए पानी की ऊपर को लगने वाली शक्ति को छोटा आकार मिलता है।यदि इसी लोहे के टुकड़े की प्लेट बना दी जाती तो उसका आकार बड़ा हो जाता और वह पानी के नीचे से आनी वाली ताकत का फायदा उठा सकती थी। लोहे के जहाज़ का आयतन(volume) उसके भार(weight) से अधिक होता है।  लोहे का जहाज़ अपने आयतन के बराबर पानी विस्थापित(displace) करता है, यह विस्थापित जल अपने आयतन के तुल्य बल(force) जहाज़ पर लगाता है जिससे जहाज़ पानी पर तैरता है। जबकि लोहे के टुकड़े का आयतन उसके भार से कम होता है, उसके द्वारा विस्थापित जल उसके भार से कम होता है जिससे वह डूब जाता है।



  • मछली पानी में जीवित कैसे रहती है?

सभी को जीवित रहने के लिए ऑक्सीजन की जरूरत होती है। मछलियों के पास विशेष अंग यानी गिल्स इसीलिए होते हैं। ये उनके सिर के दोनों ओर पाए जाते हैं। मछलियां पानी के अंदर सांस लेने के लिए मुंह को खोलती हैं और गिल्स की तरफ पंप कर देती हैं। इसके बाद ये गिल्स में उपस्थित मेंमब्रेन की मदद से पानी में उपस्थित ऑक्सीजन को सोख लेती हैं। इसके बाद गिल्स खुलने से ये पानी बाहर आ जाता है।

  • वायु या हवा क्या है?

वायु विभिन्न गैसों की मश्रण है। जिसमे नाइट्रोजन की मात्रा सर्वाधिक 78 प्रतिशत होती है जबकि 21 प्रतिशत ऑक्सीजन तथा 0.03 प्रतिशत कार्बन डाइ ऑक्साइड पाया जाता है तथा शेष 0.97 प्रतिशत अन्य गैसे होती है। वैज्ञानिकों के अनुमान के अनुसार पृथ्वी के वायुमंडल में करीब 6 लाख अरब टन हवा है।

  • आग या अग्नि क्या है?

आग एक ऐसा दहनशील पदार्थो की तेज़ गति का अक्षीकरण होता है जिससे उसमे ऊष्मा , प्रकाश , और ऐसे बहुत से गैसों का मिश्रण होता है। जो भी दहनशील पदार्थ है उनमे असुधि के कारण आग के रंग और उसकी गति में परिवर्तन आ सकता है।

  • ऑक्सीज़न क्या है?

ऑक्सीजन को O2 से डेनोट करते है ऑक्सीजन स्वादहीन, रंगहीन और गंधहीन गैस है ऑक्सीजन को हम हिंदी में या इसका हिंदी नाम ज़ारक है।  हमारी पृथ्वी में अनेक ऐसे पदार्थ है जिसमे ऑक्सीजन होती है। ऑक्सीजन वायु में स्वतंत्र अवस्था में पाई जाती है। वनस्पति तथा प्राणियों के प्राय: सब शारीरिक पदार्थों का ऑक्सीजन एक आवश्यक तत्व है। जो हमारे वातावरण की वायु होती है। उसमे करीब 30" मात्र ऑक्सीजन की होती है।

  • जल क्या है?

जल या पानी एक आम रासायनिक पदार्थ है जिसका अणु दो हाइड्रोजन परमाणु और एक ऑक्सीजन परमाणु से बना है - H2O यह सारे प्राणियों के जीवन का आधार है। आमतौर पर जल शब्द का प्रयोग द्रव अवस्था के लिए उपयोग में लाया जाता है पर यह ठोस अवस्था (बर्फ) और गैसीय अवस्था (भाप या जल वाष्प) में भी पाया जाता है। पानी जल-आत्मीय सतहों पर तरल-क्रिस्टल के रूप में भी पाया जाता है।

  • दिन और रात कैसे होते है?

 पृथ्वी सूर्य की परिक्रमा करती हैं और परिक्रमा करने के साथ साथ अपने खुद घूमती रहती है तो जो भाग सूर्य के सामने होता है वहां दिन होता और जो भाग सामने नही होता वहां अंधेरा होता है जिसे रात कहते है| पूरी परिक्रमा करने मे एक साल लग जाते है और अपना खुद एक बार घूमने मे 24 घंटे लगते है|

  • पूथ्वी घूमती है तो हम गिरते नही है?

गुरुत्वाकर्षण बल आपको पृथ्वी से बांधे जो रखता है! पृथ्वी का आकार मानव के आकार से कई गुणा बड़ा है, जिससे मानव को यह घूर्णन गति महसूस नही होती है। उदाहरण के लिए एक फ़ुटबाल पर एक चींटी को रख दें और फुटबाल को घुमायें, चिंटी नही गिरेगी।

  • मछली पानी से बाहर निकालने पर क्यों मर जाती है?

मछली जलीय प्राणी है यह गिलो द्वारा श्वसन क्रिया करती है। गिल्स जल में घुली आक्सीजन को अवशोषित करके CO2 बाहर निकालते है। मछली के थोड़ी देर के लिए जल से बाहर निकाल देने पर श्वसन क्रिया बंद हो जाती है अतः वह मर जाती है।

  • छिपकली की पूँछ अलग क्यों हो जाती है?

इस सन्दर्भ में ये जानना शायद आश्चर्य जनक लगे की छिपकली की पूँछ इन परिस्तिथियों में दुर्घटनावश नहीं टूटती बल्कि ऐसी परिस्तिथि में यह स्वयं अपने शरीर से इसे झटका देकर अलग कर देती है!अधिकतर छिपकली की पूंछ इनके शरीर की तुलना में लंबी होती है और जब ये भयभीत होकर अपनी जान की सुरक्षा के लिए भाग रही होती है तो दुश्मन का ध्यान दूसरी तरफ मोड़ने के लिए अपनी पूँछ को शरीर से स्वयं ही अलग कर देती है! पूँछ का टूटा हुआ यह भाग काफी देर तक हिलता ढुलता रहता है (ये तो आप जानते ही होंगे की हर जीवित का कोई अंग अलग होने पर वो कुछ समय तक हिलता रहता है) और इससे दुश्मन का ध्यान भटक जाता है, जिससे ये खुद चुपके से वहां से सुरक्षित भाग निकलती है! मजेदार बात तो ये है की शरीर से अपने एक महत्वपूर्ण भाग यानी पूँछ के अलग होने से छिपकली को कोई दर्द या नुकसान नहीं पहुँचता और कुछ समय बाद ही इसकी पहले जैसी नयी पूँछ उग आती है! यह नयी पूँछ पुरानी जितनी लम्बाई नहीं ले पाती।

  • चमगादड़ उल्टे क्यों लटकते हैं?

इसका कारण ये है कि उल्टे लटके रहने से चमगादड़ बड़ी आसानी से उड़ान भर सकते हैं। अन्य पक्षियों की तरह वो ज़मीन से उड़ान नहीं भर पाते, क्योंकि उनके पंख भरपूर उठान नहीं देते और उनके पिछले पैर इतने छोटे और अविकसित होते हैं कि वो दौड़ कर गति नहीं पकड़ पाते। चमगादड़ आमतौर पर अंधेरी गुफ़ाओं में दिनभर आराम करते हैं, सोते हैं और रात को ही निकलते हैं। ये सोते हुए गिर क्यों नहीं जाते इसका कारण ये है कि चमगादड़ के पैरों की नसें इस तरह व्यवस्थित हैं, कि उनका वज़न ही उनके पंजों को मज़बूती के साथ पकड़ने में मदद करता है।



  • हाथ की उंगलियों के नाखून, पैर की उंगलियों के नाखून की अपेक्षा जल्दी बड़े हो जाते हैं, क्यों?

हाथ की उंगलियों के नाखून को जड़ से आगे बढ़ने में छः महीने लगते हैं जबकि पैर की उंगलियों के नाखून को कोई साल भर लगता है। हमारे नाखून कैराटिन नाम के एक प्रोटीन से बनते हैं। इनकी जड़ उँगली की खाल के भीतर होती है और नाखून का यही भाग जीवित होता है और दिखने वाला भाग मृत। इसीलिए जब हम नाखून काटते हैं तो हमें कोई तकलीफ़ नहीं होती। हाथ की उंगलियों के नाखून के अधिक तेज़ी से बढ़ने के कई कारण हो सकते हैं। हाथ की उंगलियां बराबर हरकत में रहती हैं इसलिए उन्हे ख़ून की सप्लाई अधिक मिलती है, उन्हे पानी, धूप और हवा भी ज़्यादा मिलती है, फिर खुले में होने की वजह से उनकी टूट फूट अधिक होती है। कुछ आनुवांशिक कारण भी होते हैं।



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