Rajputana History - Samrat Prithviraj Chauhan । राजपूताना इतिहास - महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान

नमस्कार दोस्तों,

     मैं अरविंद माच्छी और आप सभी का एकबार फिर से स्वागत है हमारे ब्लॉग "Mr. Smart Khopadi" में। दोस्तों आज हम आपको महान सम्राट "पृथ्वीराज चौहान" के बारे बताएंगे।

आखिर कौन थे ?

महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान

भारत के इतिहास का एक गौरवपूर्ण नाम है पृथ्वीराज चौहान यह क्षत्रिय महारथी जितना परमवीर था उतना ही दयालु और क्षमाशील था, जिसने अपने पराक्रम से हिन्दुस्तान के गौरव में बेहिसाब इजाफा किया लेकिन हाथ आए शत्रु के साथ दयी करने की भूल भी कर दी शत्रु पर दया की ये भूल हिन्दुस्तान के इतिहास पर भारी पड़ गई वो  योद्धा और कोई नहीं बल्कि दिल्ली की गद्दी के आखिरी हिन्दू सम्राट पृथ्वीराज चौहान हैं

पृथ्वीराज तृतीय को देश पृथ्वीराज चौहान के नाम से जानता है पराक्रम और साहस जिनके हथियार थे. दया करुणा जिनके श्रृंगार. पृथ्वीराज चौहान का जन्म 1166 ईस्वी में माना जाता है पिता सोमेश्वर चौहान अजमेर के राजा थे पृथ्वी राज की मां महारानी कर्पूरादेवी स्वयं एक वीरांगना थीं जयानक नाम के कश्मीरी कवि द्वारा रचित पृथ्वीराज विजय महाकाव्य में लिखा है कि उन्हें 6 भाषाओं का अच्छा ज्ञान था

चंदबरदाई के लिखे मशूहर महाकाव्य पृथ्वीराज रासो के मुताबिक पृथ्वीराज चौहान को गणित, वैद्यकीय, इतिहास, युद्धनीति, दर्शनशास्त्र, ब्रह्मविद्या और चित्रकला में भी महारत हासिल थी हालांकि उनका सबसे अनूठा कौशल था शब्दभेदी वाण चलाना यानी सिर्फ आवाज सुनकर अचूक निशाना लगाना



पुरा नाम                 पृथ्वीराज चौहान 

अन्य नाम                राय पिथौरा 

माता/पिता               राजा सोमेश्वर चौहान/कर्पूरादेवी

पत्नी              :         संयोगिता

जन्म             :         1149 ई.  

राज्याभिषेक     :         1169 ई.   

मृत्यु             :         1192 ई. 

राजधानी        :         दिल्ली, अजमेर

वंश             :         चौहान ( राजपूत )


आज की पिढी इनकी वीर गाथाओ के बारे मे बहुत कम जानती है..!! 

तो आइए जानते है.. महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान से जुडा इतिहास एवं रोचक तथ्य...

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने 12 वर्ष कि उम्र मे बिना किसी हथियार के खुंखार जंगली शेर का जबड़ा फाड़ ड़ाला था।

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने 16 वर्ष की आयु मे ही महाबली नाहरराय को युद्ध मे हराकर माड़वकर पर विजय प्राप्त की थी।

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने तलवार के एक वार से जंगली हाथी का सिर धड़ से अलग कर दिया था ।


  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान कि तलवार का वजन 84 किलो था, और उसे एक हाथ से चलाते थे ..सुनने पर विश्वास नहीं हुआ होगा किंतु यह सत्य है..

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान पशु-पक्षियो के साथ बाते करने की कला जानते थे। 

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान 1166 ई.  मे अजमेर की गद्दी पर बैठे और तीन वर्ष के बाद यानि 1169 मे दिल्ली के सिहासन पर बैठकर पुरे हिन्दुस्तान पर राज किया।

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की तेरह पत्निया थी। इनमे संयोगिता सबसे प्रसिद्ध है..

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने महमुद गौरी को 16 बार युद्ध मे हराकर जीवन दान दिया था और 16 बार कुरान की कसम खिलवाई थी ।


  • गौरी ने 17 वी बार मे महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान को धौके से बंदी बनाया और अपने देश ले जाकर महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की दोनो आँखे फोड दी थी। उसके बाद भी राजदरबार मे पृथ्वीराज चौहान ने अपना मस्तक नहीं झुकाया था।

  • महमूद गौरी ने महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान को बंदी बनाकर अनेको प्रकार की पिड़ा दी थी और कई महिनो तक भुखा रखा था.. फिर भी महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की मृत्यु न हुई थी ।

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान की सबसे बड़ी विशेषता यह थी की...जन्मसे शब्द भेदी बाण की कला ज्ञात थी। जो की अयोध्या नरेश "राजा दशरथ" के बाद.. केवल उन्ही मे थी। 

  • महान सम्राट पृथ्वीराज चौहान ने महमुद गौरी को उसी के भरे दरबार मे शब्द भेदी बाण से मारा था




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