सोवा मछली में ऐसा क्या है जिसने एक पाकिस्तानी मछुआरे को करोड़पति बना दिया? नीलामी में 7 करोड़ रुपए में बिका

Image Source : Internet | Pakistani fisherman finds extremely rare fish worth Rs. 7 crore

कई लोगों को मछली खाना बहुत पसंद होता है। इन शौकीनों की बदौलत मछुआरे जीवित रहते हैं। वे मछली पकड़ते हैं, उसे बाज़ार में बेचते हैं और पैसा कमाते हैं। दरअसल, बाजार में मछली आमतौर पर 200 रुपये से 2,000 रुपये के बीच बिकती है। अब हिसाब लगाइए कि एक मछुआरे को एक मछली से कितनी कमाई होगी लेकिन क्या हो अगर मछुआरे को एक ऐसी मछली मिल जाए जो उसे करोड़पति बना दे? क्या यह संभव है? हाँ, पाकिस्तान में यह संभव हुआ हैं!

मछली ने मछुआरे को करोड़पति बना दिया

पाकिस्तान के कराची शहर में मछली ने एक मछुआरे को रातों-रात करोड़पति बना दिया। दरअसल, इस मछुआरे के हाथ कई औषधीय गुणों वाली एक दुर्लभ मछली लगी और उसे नीलामी में बेचकर करोड़पति बन गया। एक मछली ने जिस मछुआरे के सोये भाग जगाए हैं उसका नाम हाजी बलोच है, जो इब्राहिम हैदरी गांव का रहने वाला है

इस मछली को अरब सागर में पकड़ा गया

पिछले सोमवार को हाजी और उसका समूह मछली पकड़ रहे थे। इसी दौरान उन्हें अरब सागर में एक "गोल्डफिश" मिली, जिसे स्थानीय भाषा में "सोवा" (Sowa Fish) कहा जाता है। पाकिस्तान फिशरमेन पीपुल्स फोरम से जुड़े मुबारक खान ने कहा कि मछुआरों ने शुक्रवार सुबह कराची बंदरगाह पर एक नीलामी में मछली बेची। उन्होंने बताया कि मछली की नीलामी करीब सात करोड़ रुपये में हुई।

हम आपको बताते हैं कि सोवा मछली को मूल्यवान और दुर्लभ माना जाता है, क्योंकि इसके पेट से निकलने वाले पदार्थों में उत्कृष्ट उपचार और उपचार गुण होते हैं। मछली से प्राप्त धागे जैसे पदार्थ का उपयोग शल्य चिकित्सा प्रक्रियाओं में भी किया जाता है। आमतौर पर इस मछली का वजन 20 से 40 किलोग्राम तक होता है। इसकी लंबाई 1.5 मीटर तक होती है पूर्वी एशियाई देशों में इस मछली की काफी मांग है इससे भी महत्वपूर्ण बात यह है कि सोवा मछली का सांस्कृतिक और पारंपरिक महत्व भी है और इसका उपयोग पारंपरिक चिकित्सा और स्थानीय व्यंजनों में किया जाता है।

Image Source: Internet | Sowa Fish

मछुआरे हाजी बलूच का कहना है कि वह कराची के खुले समुद्र में मछली पकड़ रहे थे। इसी दौरान उन्हें एक सुनहरी मछली मिलीयह उससे अलग था जितना उसने सोचा था। हाजी ने कहा कि मछली की नीलामी के बाद मिले 7 करोड़ रुपये वह अपनी सात सदस्यीय टीम के साथ साझा करेंगे। उन्होंने कहा कि मछलियाँ केवल प्रजनन काल के दौरान ही किनारे के करीब आती हैं।
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