आज के डिजिटल दौर में साइबर क्राइम तेजी से बढ़ रहा है, और इसी में एक नया नाम जुड़ा है—क्लिकफिक्स अटैक (ClickFix Attack)। हाल ही में कई यूज़र्स इसकी चपेट में आए हैं, जिससे उनके कंप्यूटर, लैपटॉप और मोबाइल फोन तक संक्रमित हो गए। यह एक ऐसी ऑनलाइन ठगी है जिसमें स्कैमर्स नकली लिंक, वेबसाइट या पॉप-अप के जरिए लोगों को फंसाते हैं।
क्लिकफिक्स अटैक कैसे काम करता है?
क्लिकफिक्स अटैक का सबसे बड़ा हथियार है “डर” और “जल्दबाज़ी”। हैकर्स पहले एक फर्जी वेबसाइट, ईमेल या पॉप-अप तैयार करते हैं जो बिल्कुल असली की तरह दिखता है। इसमें लिखा होता है—
“आपका सिस्टम वायरस से संक्रमित है, अभी क्लिक करें और इसे ठीक करें!”
जैसे ही यूज़र उस लिंक को क्लिक करता है:
- डिवाइस में मालवेयर (Malware) इंस्टॉल हो जाता है
- ब्राउज़र हिस्ट्री और पासवर्ड चोरी हो सकते हैं
- हैकर्स बैंकिंग डिटेल्स और पर्सनल डेटा तक पहुँच सकते हैं
- कंप्यूटर का पूरा कंट्रोल भी स्कैमर्स ले सकते हैं
- यही कारण है कि इसे सबसे खतरनाक फिशिंग अटैक माना जा रहा है।
कौन-कौन से डिवाइस प्रभावित होते हैं?
क्लिकफिक्स अटैक किसी एक ऑपरेटिंग सिस्टम तक सीमित नहीं है।
यह नुकसान पहुंचा सकता है:
- Windows
- macOS
- Android
- iOS
यानी चाहे आप मोबाइल पर हों या लैपटॉप पर, अगर आपने नकली लिंक क्लिक कर दिया—आपका डेटा खतरे में पड़ सकता है।
क्लिकफिक्स अटैक के खतरनाक परिणाम
इस अटैक से होने वाला नुकसान बहुत बड़ा हो सकता है:
- बैंक अकाउंट खाली हो सकता है
- UPI और वॉलेट से पैसा चोरी हो सकता है
- सोशल मीडिया अकाउंट हैक हो सकते हैं
- डिवाइस धीमा या खराब हो सकता है
- प्राइवेसी और फाइल्स चोरी हो सकती हैं
कई यूजर्स ने रिपोर्ट किया है कि उन्होंने सिर्फ एक क्लिक किया और पूरा सिस्टम वायरस से भर गया।
क्लिकफिक्स अटैक से बचने के तरीके
साइबर एक्सपर्ट्स के अनुसार कुछ आसान नियम आपको सुरक्षित रख सकते हैं:
✔ 1. किसी भी लिंक को क्लिक करने से पहले उसकी पुष्टि करें
अनजान नंबर या ईमेल से आए लिंक पर क्लिक न करें
फर्जी पॉप-अप को तुरंत बंद करें
✔ 2. आधिकारिक वेबसाइट या ऐप ही इस्तेमाल करें
बैंक, सोशल मीडिया या किसी सर्विस का URL खुद टाइप करें
गूगल पर “ads” के बजाय ऑर्गेनिक लिंक चुनें
✔ 3. एंटीवायरस और फ़ायरवॉल ऑन रखें
एक अच्छा एंटीवायरस क्लिकफिक्स जैसे हमलों को रोक सकता है।
✔ 4. पासवर्ड को बार-बार बदलें
स्ट्रॉन्ग पासवर्ड और दो-स्टेप वेरिफिकेशन हमेशा ऑन रखें।
✔ 5. सिस्टम अपडेट करते रहें
पुराना OS हैकर्स के लिए आसान निशाना बन जाता है।
✔ 6. संदिग्ध वेबसाइटों से दूर रहें
फ्री मूवी, मॉड APK, क्रैक सॉफ़्टवेयर जैसी साइटें सबसे ज्यादा खतरे वाली होती हैं।
क्लिकफिक्स अटैक पूरी तरह “सोशल इंजीनियरिंग” पर आधारित है। स्कैमर्स आपकी जल्दबाज़ी का फायदा उठाते हैं। इसलिए हमेशा सतर्क रहें और किसी भी क्लिक से पहले सोचें। एक गलत क्लिक आपको भारी नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन सही जागरूकता से आप खुद को और अपने परिवार को साइबर ठगी से बचा सकते हैं।