What is the difference between a two stroke and four stroke engine? दो स्ट्रोक और चार स्ट्रोक इंजन में अंतर क्या है ?

नमस्कार दोस्तों,

    मेरा नाम है अरविंद माच्छी और आप सभी का एकबार फिर से स्वागत है हमारे ब्लॉग "Mr. Smart Khopadi" में। दोस्तों क्या आप भी गाड़ी चलाते हो! अगर आप भी गाड़ी चलाते हो, तो आपको पता ही होगा कि आपकी गाड़ी में जो इंजन लगा है वो कौनसा इंजिन हैं और वो 2 Stroke है या फिर 4 Stoke हैं, यह तो आपको पता ही होगा! सही कहाँ ना! और इन दोनों में क्या Difference हैं, यह भी आपको पता होगा। 

    क्या पता नहीं! कोई बात नहीं ... हम हैं ना! इस पोस्ट में हम आपको बताएँगे की 2 Stroke इंजन क्या हैं और 4 Stroke इंजन क्या हैं, उनके बीच क्या अंतर हैं और उनके फायदे और नुकसान क्या हैं। इस पर एक विस्तृत नज़र डालेंगे।

 स्वचालित वाहन का आविष्कार आधुनिक विज्ञान द्वारा किए गए आविष्कारों की सूची में सबसे ऊपर है।

 आज हम वाहन के बिना रहने की कल्पना भी नहीं कर सकते। वैसे देखा जाएं तो हमारी गाड़ी मतलब हमारी जान होती हैं! गाड़ियां हमारी यात्रा को आरामदायक बनाते हैं, हमारे जीवन का अभिन्न अंग बन गए हैं। अब मुख्य विषय की ओर मुड़ते हैं। दोस्तों जिस तरह हमारे शरीर में दिल का जो महत्व हैं वैसे ही वाहनों में इंजन का महत्व है। वैसे तो कई चार-पहिया गाडीयो के इंजन के प्रकार हैं, परंतु पेट्रोल पे चलने वाले दो पहिया गाड़ियों में खास करके दो-स्ट्रोक और चार-स्ट्रोक इंजिन ही मुख्य रूप से उपयोग किए जाते हैं।

पहले केवल दो स्ट्रोक इंजन ही बनते थे! याद कीजिये, M80, बजाज स्कूटर, काइनेटिक, लूना आदि।

दोस्तों हमारे देश हिंदुस्तान में पहली बार फॉर स्ट्रोक गाड़ी "रॉयल एनफिल्ड" कंपनी लेके आई, उसका नाम है बुलेट! लेकिन बुलेट हम जैसे आम आदमी की पहुंच के भीतर नहीं थीं, अब भी नहीं। क्योंकि बुलेट 350cc और 500cc इन दो मॉडल में उपलब्ध है। दोस्तों चार स्ट्रोक इंजन को लोकप्रिय बनाने का असली श्रेय जाता है "हीरो होंडा" को। सन 1989 में लॉन्च किए गए CD100 मॉडल में चार स्ट्रोक इंजिन लगाया गया था। इस मॉडल की अपार सफलता के बाद, चार स्ट्रोक इंजिन के अच्छे दिन आए और निश्चित रूप से दो स्ट्रोक इंजिन वाली गाड़िया पीछे पड़ गए। अब हर कंपनी ने अपनी बाइक में चार स्ट्रोक इंजन लगाना शुरू कर दिया।

आइए अब जानते हैं इनका कार्य कैसे चलता है:

इस प्रकार के इंजन की डिज़ाइन बहुत जटिल होती है। इंजन का मुख्य भाग मतलब पिस्टन और क्रांकशाफ्ट है। यह पिस्टन एक वर्टिकल रॉड की तरह है जो इंजन के चलने के दौरान स्थायी रूप से ऊपर और नीचे चलती है और इसके साथ क्रांकशाफ्ट को घुमाती है। इन दोनों के दबाव से ईंधन को ऊर्जा में परिवर्तित करते हैं और वाहन को गति प्रदान करते हैं।

Four stroke Engine

4-Stroke-Engine
www.commons.wikimedia.org

दो स्ट्रोक इंजन में शाफ्ट एक ऊर्जा स्ट्रोक प्राप्त करने के लिए दो बार घूमता है और चार स्ट्रोक इंजन में शाफ्ट एक बार घूमता हैं।

Two stroke Engine

Two stroke Valveless engine Animation-2

www.commons.wikimedia.org

दोनों के बीच अंतर इस प्रकार हैं:

  • दो स्ट्रोक इंजन में शाफ्ट एक चक्र को पूरा करने के लिए दो बार घूमता है जबकि चार स्ट्रोक इंजन में यह एक चक्र को पूरा करने के लिए एक बार घूमता है।
  • चार स्ट्रोक इंजन में, पिस्टन द्वारा चार स्ट्रोक देने के बाद एकबार ऊर्जा का निर्माण होता हैं जबकि  दो स्ट्रोक इंजिन में पिस्टन द्वारा दो स्ट्रोक देने के बाद एकबार ऊर्जा का निर्माण होता है. 
  • चार स्ट्रोक इंजन का डिज़ाइन दो स्ट्रोक इंजन की तुलना में बहुत अधिक जटिल होता है।
  • चार स्ट्रोक इंजन को ईंधन के साथ तेल का उपयोग करने की आवश्यकता नहीं होती है लेकिन दो स्ट्रोक गाड़ियों को ईंधन के साथ तेल मिलाने की आवश्यकता होती है।
  • चार स्ट्रोक इंजन में पिस्टन का ऊपरी भाग सपाट होता है, जबकि दो स्ट्रोक इंजन में यह अर्धवृत्ताकार होता है।
  • वजन के मामले में, दो स्ट्रोक इंजन की तुलना में चार स्ट्रोक इंजन भारी हैं।
  • फोर स्ट्रोक इंजन का आवाज दो स्ट्रोक इंजन से कम है।
  • चार-स्ट्रोक इंजन जल्दी गर्म नहीं होता है, जबकि दो-स्ट्रोक इंजन जल्दी से गर्म होता है।
  • चार स्ट्रोक इंजन अधिक जगह लेता है, जबकि दो स्ट्रोक इंजन कम स्थान ले सकता है।

चार स्ट्रोक इंजन के लाभ :

  • दो स्ट्रोक इंजन की तुलना में कम आरपीएम (Revolutions per minute) पर अधिक टॉर्क मिलता है।
  • यह कम ईंधन का उपयोग करता है और ईंधन की बचत करता है क्योंकि यह चार स्ट्रोक में केवल एक बार ईंधन का उपयोग करता है।
  • प्रदुषण भी कम हो जाता है क्योंकि चार स्ट्रोक में एक बार ऊर्जा उत्पन्न होती है और ईंधन में ऑइल का उपयोग नहीं किया जाता है।
  • जैसा कि आप जानते हैं, यदि आप इंजन का बहुत अधिक उपयोग करते हैं, तो यह जल्दी से खराब हो जाएगा। लेकिन चार-स्ट्रोक इंजन कम आरपीएम पर अधिक शक्ति प्रदान करते हैं इसलिए दो-स्ट्रोक से अधिक समय तक रह सकते हैं।
  • इंजन के विशेष डिजाइन के कारण, इसे ईंधन में तेल जोड़ने की आवश्यकता नहीं होती है। लेकिन घूमने, घर्षण होने वाले भागों को इसकी आवश्यकता होती है।

स्ट्रोक इंजन के नुकसान:

  • इस प्रकार इंजन में वाल्व का उपयोग किया होता है और साथ में गियर और चेन भी हैं। ऎसे जटिल डिजाइन की वजह से इन्हें बनाने और इसकी मरम्मत करने में ज्यादा समय लग जाता हैं।
  • दो स्ट्रोक की तुलना में चार स्ट्रोक इंजन में कम ऊर्जा मिलती है, क्योंकि दो स्ट्रोक में ही एक बार ऊर्जा उत्पन्न होती है और यहां चार स्ट्रोक में एक बार ऊर्जा उत्पन्न होती है।
  • इस प्रकार के इंजन में कई छोटे और बड़े भागों का इस्तेमाल किया जाना है। सभी भागों को इकट्ठा करना मुश्किल काम होता है और इनमें अधिक सामग्रियों का उपयोग किये जाने की वज़ह से यह अधिक महंगा बनाता है।

दो स्ट्रोक इंजन के लाभ:

  • इस प्रकार इंजन में वाल्व न होने की वजह से इन्हें बनाने और इसकी मरम्मत करने में ज्यादा समय नहीं लगता।
  • दो स्ट्रोक इंजन चार स्ट्रोक से अधिक ऊर्जा का उत्पादन करते हैं।
  • ऑइल के उपयोग होने से किसी भी वातावरण में काम करने की क्षमता होती है।

दो स्ट्रोक इंजन के नुकसान:

  • अधिक ऊर्जा के रूप में अधिक ईंधन की खपत उत्पन्न होती है।
  • इस प्रकार इंजन में ईंधन के साथ ऑइल का भी इस्तेमाल होने से यह महंगा हो जाता है।
  • इस प्रकार के इंजन में ईंधन का ज्यादा उपयोग होने से प्रदूषण भी अधिक होता हैं।
  • इस प्रकार के इंजन में ईंधन का पूरा उपयोग नहीं होने से बहुत सारा ईंधन बर्बाद होने की संभावना होती है।
  • निकास गैसें कभी-कभी कक्ष में फंस जाती हैं। इसलिए, इसलिए, इंजन को आसानी से चलने के लिए रूकावट पैदा होती है।
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